SHIV CHALISA LYRICS IN GUJARATI PDF - AN OVERVIEW

shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

Blog Article

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।

कहे अयोध्या आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि website से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

काम की बात श्रीराम शलाका मध्यप्रदेश एक्सप्लेनर क्राइम रामायण महाभारत फनी जोक्स चुटकुले

Report this page